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बिहार के बाद धमतरी बनेगा मखाना उत्पादन में अग्रणी जिला, 200 एकड़ में होगी खेती



 मखाने के खेती से जिले कों मिलेगी राष्ट्रीय स्तर पर पहचान 


धमतरी। मखाने की खेती के मामले में बिहार के बाद अब छत्तीसगढ़ का धमतरी जिला अग्रणी स्थान पर पहुंच जायेगा है। कलेक्टर अबिनाश मिश्रा की दूरदर्शी सोच और सतत प्रयासों से जिले में मखाना उत्पादन को लेकर एक बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। वर्तमान में जिले में 200 एकड़ क्षेत्रफल में मखाने की खेती की योजना बनाई जा रही है, जिससे खासतौर पर निषाद समाज के लोगों को लाभ मिलेगा।


       नगरी विकासखंड के ग्राम सांकरा स्थित एक बड़े बहुत भाग में तालाब बनाकर 100 एकड़ में मखाने की खेती जल्द ही प्रारंभ की जाएगी। इसके अलावा जिले के अन्य जल स्रोतों में भी मखाना उत्पादन को तेजी से विस्तार दिया जा रहा है। शहर के तालाबों के साथ-साथ जिन क्षेत्रों में पूर्व में कमल ककड़ी की खेती होती थी, वहां अब मखाना उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है।


कलेक्टर श्री मिश्रा ने बताया कि जिला प्रशासन, इंदिरा गाँधी क़ृषि विज्ञान केंद्र के साथ मिलकर न केवल मखाना उत्पादन कर रहा है, बल्कि उसकी प्रोसेसिंग, ब्रांडिंग और मार्केटिंग की दिशा में भी ठोस कदम उठा रहा हैं। “धनहा धमतरी” नाम से मखाने की ब्रांडिंग और आकर्षक पैकेजिंग की योजना तैयार की जा रही है, जिससे जिले को एक राष्ट्रीय पहचान दिलाई जा सके।


हाल ही में कलेक्टर श्री मिश्रा ने ग्राम छाती में लगभग 5 एकड़ के अलग अलग तालाबों का निरीक्षण किया। उन्होंने क़ृषि वैज्ञानिकों से मखाने की खेती की वैज्ञानिक पद्धतियों पर चर्चा की। उन्होंने विशेषज्ञों को निर्देशित किया कि स्थानीय लोगो कों माखने कि खेती के लिए प्रोत्साहित करें। साथ ही  किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन और प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराये।






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