धमतरी। सरस्वती शिशु मंदिर आमदी में अध्ययनरत दसवीं क्लास की छात्रा चंचल यादव उम्र 15 वर्ष ने सोमवार की सुबह अपने घर में फांसी लगा ली। सूचना मिलती ही अर्जुनी पुलिस मौके पर पहुंची।शव पंचनामा के बाद वरदान एंबुलेंस सेवा संस्था के शिवा प्रधान ने जिला अस्पताल पहुंचाया।
धमतरी जिले में बढ़ती आत्महत्या की घटनाएँ—एक गंभीर सामाजिक संदेश
धमतरी जिले में आत्महत्या की घटनाएँ लगातार बढ़ती जा रही हैं। यह बेहद दुखद और चिंताजनक है कि 12–13 वर्ष के मासूम बच्चों से लेकर 80–85 वर्ष के बुजुर्ग तक लोग किसी न किसी मानसिक या पारिवारिक दबाव के कारण अपना जीवन समाप्त करने जैसा कठोर कदम उठा रहे हैं।
आज हमें इस बात पर गंभीरता से विचार करना होगा कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है?
इतनी कम उम्र के बच्चे, जहां जीवन की शुरुआत होती है, वहीं इस तरह के कदम क्यों उठा रहे हैं?
बुजुर्ग, जो परिवार और समाज की छाया माने जाते हैं, वे खुद को अकेला और असहाय क्यों महसूस कर रहे हैं?
यह सिर्फ आँकड़े नहीं—यह समाज की एक गहरी पीड़ा है।
आत्महत्या बढ़ने के संभावित कारण
मानसिक तनाव और अवसाद
पारिवारिक कलह और अकेलापन
पढ़ाई का दबाव
आर्थिक समस्याएं
सोशल मीडिया का गलत प्रभाव
नशा, आवेग या क्षणिक गुस्सा
समाज में खुलकर बात न कर पाने की संस्कृति
अब ज़रूरत है—ठोस कदमों की
अगर अभी हमने मिलकर कोई कदम नहीं उठाया, तो यह घटनाएँ इसी तरह बढ़ती रहेंगी।
समाज सेवी शिवा प्रधान का मानना है कि शासन-प्रशासन को चाहिए कि—
हर ब्लॉक और स्कूल में काउंसलिंग सेंटर स्थापित करे
मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता कार्यक्रम चलाए
हेल्पलाइन नंबर सक्रिय और प्रभावी बनाए
सामाजिक संगठनों व एनजीओ को सहयोग दे
नशामुक्ति और तनावमुक्ति पर अभियान चलाए
समाज और परिवार को चाहिए कि—
बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों से खुलकर बात करें
उनके मन की बात सुनें, न कि केवल डांटें
तनाव और अवसाद के लक्षणों को नजरअंदाज न करें
मुश्किल समय में साथ खड़े हों
हम सब मिलकर यदि अभी कदम उठाएँ, तो कई ज़िंदगियाँ बच सकती हैं।





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