धमतरी।छत्तीसगढ़ में धान खरीदी व्यवस्था पूरी तरह पटरी से उतर चुकी है। भाजपा सरकार की लापरवाही और प्रशासनिक अव्यवस्था ने किसानों को गंभीर संकट में डाल दिया है। कृषि प्रधान प्रदेश में आज खेती-किसानी की रीढ़ कहे जाने वाले धान उत्पादक किसान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।उक्त बातें धमतरी विधायक ओंकार साहू ने कही है।
विधायक ने कहा
धान उठाव के लिए अभी तक टेंडर नहीं
शासन द्वारा धान उठाव हेतु आज तक टेंडर जारी नहीं किए जाने से खरीदी केंद्रों में अव्यवस्था बढ़ती जा रही है। धान का भंडारण, परिवहन और उठाव ठप होने से खरीदी की प्रक्रिया प्रभावित है, जिसके सीधे शिकार किसान बन रहे हैं।
एग्रोटेक/एस्टेग पंजीयन में रकबा कटने से नहीं बिक रहा धान
किसानों के एग्रोटेक-एस्टेग पंजीयन में रकबा कम कर दिया गया है, जिसके कारण किसान अपने वास्तविक उत्पादन का धान बेच नहीं पा रहे। यह सीधी-सीधी अन्यायपूर्ण कार्यवाही है, जो किसानों के साथ आर्थिक अत्याचार है।
कहीं टोकन नहीं, कहीं तिथि आगे—किसान परेशान
केंद्रों में टोकन जारी नहीं हो रहे हैं, कई जगहों में तिथि आगे बढ़ाई जा रही है। किसान लगातार खरीदी केंद्रों के चक्कर काटने को मजबूर हैं। भाजपा सरकार की असफलता का खामियाजा गरीब किसान उठा रहा है।
अधिकांश केंद्रों में खराब बारदाना की आपूर्ति
ज्यादातर धान खरीदी केंद्रों में घटिया और अनुपयोगी बारदाना भेजे जा रहे हैं, जिससे धान भरने, ढुलाई और सुरक्षित रखने में भारी समस्या आ रही है। इस बदइंतजामी से सरकारी धन भी बर्बाद हो रहा है और किसानों को नुकसान भी हो रहा है।
विधायक ओंकार साहू, ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि –
धान उठाव हेतु टेंडर तत्काल जारी किए जाएँ,
एग्रोटेक/एस्टेग पंजीयन में कटौती की गलतियां तत्काल सुधार की जाएँ,
सभी किसानों को समय पर टोकन उपलब्ध कराया जाए,
और हर केंद्र में गुणवत्तापूर्ण बारदाना भेजा जाए।
किसानों का धैर्य अब जवाब दे रहा है। भाजपा सरकार को चाहिए कि वह जल्द से जल्द इस अव्यवस्था को दूर करे और किसानों के साथ हो रहे अन्याय को रोके, अन्यथा इसके गंभीर परिणामों की जिम्मेदार भी वही होगी।



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