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DMT: ड्यूटी आने के बाद घर से चाकू लाया और चला दी अपने गर्दन पर कहा मेरे मन ने ऐसा ही सोचा था



चौकीदार के जख्मी होना का अनोखा मामला

 भूपेन्द्र साहू 

धमतरी। बुधवार रात 11.30 बजे रूद्री थाना में उस समय हड़कंप मच गया जब एक व्यक्ति खून से लहूलुहान हालत में थाना पहुंचा। गर्दन कटा हुआ था। तुरंत पुलिस गाड़ी से जिला अस्पताल ले जाया गया। रात भर आरक्षक को वहीं रखा गया। पुलिस ने हमला समझ कर तहकीकात शुरू कर दी। लेकिन बाद में कुछ और माजरा निकलकर सामने आया।


जल संसाधन विभाग बांध क्रमांक 2 पुराना आरटीओ आफिस के बाजू कार्यालय में पदस्थ चौकीदार श्यामलाल माली 41 वर्ष पिता केशबू बुधवार की रात खून से लथपथ रूद्री थाना पहुंच गया। वह कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं था। थाना में हड़कंप मच गया। तुरंत उसे जिला अस्पताल ले जाकर भर्ती कराया।गया। चूंकि वह अकेला ही रहता है। इस वजह से अस्पताल में रात में एक आरक्षक की ड्यूटी लगा दी गई। सुबह-सुबह रूद्री थाना से एएसआई श्री अवस्थी एफएसएल टीम के साथ सिंचाई विभाग कार्यालय पहुंचे। सीसी टीवी फुटेज को खंगाला गया। पुलिस अचंभित रह गई कि फुटेज में कोई भी हमलावर नहीं दिखाई दे रहा है। शक हुआ कि कहीं इसने खुद पर हमला तो नहीं किया। विभाग के कर्मचारी यह मानने को तैयार नहीं है कि श्यामलाल खुद का गला रेत सकता है। पुलिस ने गुरूवार को जिला अस्पताल पहुंचकर श्यामलाल से बयान लिया। इस बीच यह भी जानकारी मिली है कि वह शराब सेवन का आदी है।


श्यामलाल की जुबानी

श्यामलला ने मीडिया को बताया कि वह रोजाना की तरह बुधवार रात 8 बजे ड्यूटी पर पहुंचा था। थोड़ी देर में उसके मन में पता नहीं ऐसा ख्याल आया कि चाकू से गर्दन को काटना है। वह घर गया, चाकू लाया और ऑफिस में अपने गर्दन पर चला दिया। इसके बाद उसे लगा कि थाना जाकर बताना है। दरवाजा बंद कर थाना पहुंच गया। इसके पहले उसको ऐसा ख्याल कभी नहीं आया था।


क्या कहते हैं मनोरोग चिकित्सक

इस संबंध में जिला अस्पताल के मनोरोग चिकित्सक डॉ. रचना पदमवार ने बताया कि चौकीदार श्यामलाल को काउंसलिंग के लिए लाया गया था। वह नशे का आदी है। मानसिक स्थिति एकदम स्वस्थ नहीं है। बड़बड़ाने की भी आदत है। काउंसलिंग में उसने अपने से गले में वार करना बताया है। परिजनों के आने के बाद और काउंसलिंग की जायेगी। अभी की स्थिति के हिसाब से दवाईयां देकर निगरानी की जा रही है। यह एक प्रकार से सिजोफ्रेनिया जैसी तकलीफ ही है।




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