भूपेन्द्र साहू
धमतरी।शुक्रवार 11 जुलाई को नगर निगम धमतरी में उपजे कर्मचारी और पार्षद के बीच विवाद का मामला का पटाक्षेप हो गया है। आरोप लगाने वाले कर्मचारी ने अपने बयान को पलटते हुए माफी मांग ली। इसके बाद मामला लगभग शांत हो चुका है। हालांकि पार्षद का कहना है कि इसमें उन्हें साजिश के तहत फंसाया जा रहा था।
ज्ञात हो कि शुक्रवार को लोक निर्माण शाखा नगर निगम धमतरी में सदस्य राम नारायण महेश्वरी ने लिखित शिकायत की थी कि ब्राह्मण पारा वार्ड में नहीं जाने पर पार्षद कोमल सार्वा ने उनके साथ अभद्र व्यवहार करते हुए गाली गलौज की और मारपीट की भी कोशिश की थी। इसकी शिकायत उन्होंने अपने कर्मचारी संगठन को भी दी थी। संगठन के पदाधिकारी एकत्रित होकर आयुक्त से मुलाकात कार्यवाही की मांग करने लगे उन्होंने यह भी कह दिया था कि जब तक पार्षद माफी नहीं मानेंगे उनके वार्ड में कोई कार्य नहीं होगा आगे प्रदर्शन की भी रणनीति बनाई जा रही थी। इस बीच पार्षद कोमल सार्वा ने शनिवार सुबह धरना प्रदर्शन का ऐलान भी कर दिया वह सुबह नगर निगम पहुंचकर धरना पर बैठ गए इसके बाद खलबली मच गई कर्मचारी संगठन कई पार्षद महापौर सभी नगर निगम पहुंच गए ।
कुछ ही देर बाद आरोप लगाने वाला कर्मचारी रामनारायण माहेश्वरी ने यू टर्न लेते हुए मीडिया से कहा कि वह शुक्रवार को जो बयान दिया था वह आक्रोश में बोल दिया था ऐसा कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि उसने मीडिया को गलत जानकारी भी दी थी। पार्षद ने उनके साथ कोई भी दुर्व्यवहार नहीं किया है।
कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष मंगलू राम निर्मलकर ने बताया कि शुक्रवार को रामनारायण द्वारा सूचना दी गई थी कि पार्षद के द्वारा गाली गलौज और दुर्व्यवहार किया गया था।लिखित शिकायत आयुक्त से की गई थी। अब रामनारायण द्वारा माफी मांग लेने पर मामला खत्म हो गया है।
मेरे खिलाफ षडयंत्र: कोमल
इस पूरे मामले पर पार्षद कोमल सार्वा का कहना है कि शुक्रवार को जो उन पर आरोप लगाया गया था वह पूरी तरह से बेबुनियाद था। शुरू से ही कह रहे हैं कि उन्होंने किसी भी कर्मचारी के साथ ऐसा कोई भी व्यवहार नहीं किया है ।उनकी छवि खराब करने के लिए यह एक प्रकार से साजिश थी।उनके खिलाफ यह षड्यंत्र रचा गया था। उक्त कर्मचारी द्वारा सार्वजनिक माफी मांगने और संगठन द्वारा लेटर पैड में खेद व्यक्त करने के बाद मामला सुलझ गया है।
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