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रामकथा के दूसरे दिन शिव–पार्वती विवाह की दिव्य गाथा से गुंजायमान हुआ कथा स्थल

 


धमतरी। गौशाला मैदान में पंडित राजेश शर्मा के आयोजन में चल रही श्रीरामकथा के द्वितीय दिवस का आयोजन श्रद्धा, भक्ति और ज्ञान के भाव से परिपूर्ण रहा। व्यासपीठ से पंडित अतुल कृष्ण महाराज ने भगवान श्रीराम कथा के साथ भगवान शंकर एवं माता पार्वती के पावन विवाह प्रसंग की मधुर और भावपूर्ण व्याख्या कर श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। कथा स्थल पर उपस्थित श्रोताओं ने मंत्रमुग्ध होकर दिव्य प्रसंगों का श्रवण किया।

पंडित अतुल कृष्ण महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा परमार्थ ज्ञान दान है, क्योंकि ज्ञान ही अज्ञान के अंधकार को दूर करता है। उन्होंने बताया कि श्रीरामकथा श्रीमद्भागवत की गोद में पल्लवित हुई है, जहां भक्ति, ज्ञान और वैराग्य का अद्भुत समन्वय देखने को मिलता है। महाराज जी ने यह भी कहा कि मनुष्य की सबसे बड़ी पूंजी उसका निर्मल मन है और संसार की सबसे मूल्यवान वस्तु भक्ति है, जो भगवान तक पहुंचने का सरल मार्ग है।

शिव–पार्वती विवाह प्रसंग का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि माता पार्वती की तपस्या और अखंड श्रद्धा से ही महादेव की प्राप्ति संभव हुई। भक्ति से ही ईश्वर को पाया जा सकता है, इसलिए कथा श्रवण निर्मल मन और पूर्ण आस्था से करना चाहिए। जो व्यक्ति श्रद्धा से कथा सुनता है, उसका जीवन सुख, शांति और समृद्धि से भर जाता है। महाराज  ने उपस्थित श्रद्धालुओं को अपने कर्मपथ पर पूरे मनोयोग से आगे बढ़ने का संदेश दिया।

इस अवसर पर श्याम अग्रवाल, गुरूमुख सिंह होरा, दीपक लखोटिया, रखूं भाई भानूशाली, किरण गांधी, राजेंद्र श्रोती, दयाराम अग्रवाल, बिहारी अग्रवाल, प्रताप राव कृदत्त, नंदु जसवानी, पवन अग्रवाल, राजेंद्र शर्मा, विपिन साहू, आलोक जाधव, महेंद्र खंडेलवाल, विकास शर्मा, दीप शर्मा, देवेंद्र मिश्रा, संजय तंबोली, योगेश रायपुरा, मुकेश जैन, प्रकाश शर्मा, नरेंद्र जायसवाल, डब्लू सिंह, नरेश जसुजा, बिट्टू शर्मा, जितेंद्र शर्मा,  आशीष थिते  भावेश लुनिया  विशाल शर्मा सुरुज शर्मा  सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। कथा स्थल भक्ति रस और आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर रहा।



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