धमतरी। वन मण्डल अंतर्गत उत्तर सिंगपुर वन परिक्षेत्र में वन गश्त के दौरान 22 दिसंबर को एक स्थानीय चरवाहा द्वारा ग्राम कोरगांव स्थित एक कुएँ में तेंदुआ गिरने की सूचना वन अमले को दी गई। प्राप्त सूचना के आधार पर संबंधित स्थल पर तत्काल वन अमला पहुंचा किंतु मौके पर कुएँ में तेंदुआ नहीं पाया गया।
तत्पश्चात् वन अमले द्वारा आसपास के वन क्षेत्र में सघन निरीक्षण एवं पतासाजी की गई, जिसके परिणामस्वरूप उक्त तेंदुआ आरक्षित वन कक्ष क्रमांक 23 ग्राम कोरगांव (कनडबरा) में मृत अवस्था में पाया गया। निरीक्षण के दौरान मृत तेंदुए के चारों पैरों के पंजे कटे हुए पाए गए जिससे अवैध शिकार की आशंका प्रकट हुई।
प्रकरण की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध वन अपराध पंजीबद्ध कर तत्काल रात्रिकालीन गहन जांच प्रारंभ की गई। सघन जांच हेतु उदंती-सीतानदी टाइगर रिज़र्व से डॉग स्क्वाड की सहायता ली गई।
जांच के दौरान ग्राम कोरगांव निवासी गोवर्धन पटेल पिता आत्माराम पटेल, आयु 35 वर्ष के कब्जे से पैरा में छिपाकर रखे गए तेंदुए के नाखून/पंजे तथा पंजे काटने में प्रयुक्त हथियार बरामद किए गए। आरोपी से गहन पूछताछ किए जाने पर उसके द्वारा अपराध स्वीकार किया गया तथा कारित अपराध का विवरण बताया गया। उक्त कृत्य के संबंध में आरोपी के विरुद्ध वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम, 1972 की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत पंजीबद्ध वन अपराध प्रकरण क्रमांक 14907/02 में अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही है। इसके अतिरिक्त इस वन अपराध में संलिप्तता की संभावना के दृष्टिगत 03 अन्य व्यक्तियों से भी पूछताछ की जा रही है।
जांच के लिए भेजा गया जबलपुर
DFO श्रीकृष्ण जाधव ने बताया कि प्रथम दृष्टया तेंदुए की मृत्यु का कारण कुएँ में डूबना प्रतीत होता है। चूँकि तेंदुआ अनुसूची I के अंतर्गत संरक्षित वन्यप्राणी है। अतः नियमानुसार 03 सदस्यीय पशु चिकित्सकों के दल द्वारा शव परीक्षण कराया गया है। पोस्टमार्टम के उपरांत मृत तेंदुए के अवयव फॉरेंसिक जांच हेतु जबलपुर प्रयोगशाला भेजे जा रहे हैं। फॉरेंसिक रिपोर्ट प्राप्त होने के पश्चात् ही तेंदुए की मृत्यु के वास्तविक कारण की पुष्टि हो सकेगी।



0 टिप्पणियाँ