धमतरी। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धमतरी जिला साउंड एसोसिएशन ने ज्ञापन सौंपा है जिसमें उन्होंने अनिश्चितकालीन हड़ताल की सूचना दी है।
जिला साउंड एसोसिएशन का कहना है कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ सरकार, शासन, प्रशासन द्वारा डीजे व धुमाल पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया गया है। छत्तीसगढ़ शासन का कहना है कि वाहन में साउण्ड सिस्टम नही बांधना है परन्तु बिना वाहन के साउण्ड सिस्टम रनिंग जुलूस झांकी या अन्या किसी रोड शो में चला पाना संभव ही नही है।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 55 db में साउण्ड और धुमाल को बजाना कहा गया है जो की कभी भी संभव नहीं है, क्योंकि एक कार का हॉर्न 90 db से ज्यादा बजता है तो 55 db में किसी भी साउण्ड सिस्टम को चलाना संभव ही नहीं है।
साउण्ड सिस्टम डीजे और धुमाल वालो के उपर प्रशासन द्वारा अपराधिक धारा लगाने को कहा गया है जबकि देखा जाए तो हम व्यापारी है और लोग हमें अपने त्यौहार और कई खुशियां मनाने के लिये कार्य देते है और आजकल कार्यवाही के रूप में हम साउण्ड एवं धुमाल वालो के सामान को राजसात करने और 25 लाख रु. तक का जुर्माना देने की धमकी प्रशासन द्वारा दी जा रही है।
कई जगहों पर अखबार में साउण्ड सिस्टम को बदनाम करने की झूठी खबरे फैलाई जा रही की डी. जे. बजने की वजह से किसी की मृत्यु हो गई है वो भी बिना किसी प्रमाण के जबकी हम सभी डी. जे. साउण्ड और धुमाल वाले कई वर्षों से यह कार्य कर रहे है आज तक किसी को कोई शिकायत नही हुई है।
अध्यक्ष बृजेश कुमार गजेंद्र ने कहा कि इन सभी बातों को देखते हुए साउण्ड एवं धुमाल वालों का काम कर पाना असंभव है। इसलिये छत्तीसगढ़ शासन प्रशासन द्वारा जो एकतरफा भेदभाव पूर्ण कार्यवाही की जा रही है, उसके विरोध में छत्तीसगढ़ साउण्ड एसोसिएशन ने आने वाले त्यौहारों (गणेश विसर्जन इदमिलादुनबी) एवं किसी भी सरकारी आयोजन व राजनैतिक कार्यक्रमो में अपनी सेवाएं नही देने का और अनिश्चितकालीन हड़ताल में जाने का फैसला किया है जिसके चलते छत्तीसगढ़ में कही भी डी. जे. साउण्ड एवं धुमाल नहीं बजेगा जब तक हमें स्वतंत्ररूप से कार्य करने नही दिया जाएगा तब तक यह हड़ताल जारी रहेगा।
प्रमुख मांगें
माल वाहक वाहन में साउण्ड सिस्टम लगाने की छूट प्रदान की जाए।किसी भी डी.जे. साउण्ड एवं धुमाल वालो के खिलाफ आपराधिक धाराओ का प्रयोग ना करे।साउण्ड सिस्टम को राजसात ना करे क्योंकि बहुत से लोग कर्ज या बैंक लोन की मदद से इस व्यापार को करते है और यह गैर कानूनी सामग्री नहीं है।
55 db का 70 साल पुराना नियम में जलद से जल्द संशोधन किया जाए। साउण्ड बजने की वजह से जिसने भी किसी की मृत्यु होने की अफवाह फैलाने की साजिश की है उसके खिलाफ जल्द से जल्द कानूनी कार्यवाही की जाए।रात्रि में कार्यक्रम के दौरान विलम्ब होने पर साउण्ड वाले पर कार्यवाही करने के बजाए आयोजक समिति पर ही कार्यवाही होना चाहिए।




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