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Dismiss: राज्य शासन ने ENT विशेषज्ञ डॉ नसीम को पद से किया डिसमिस

 


सीएमएचओ ऑफिस में पदस्थ संविदा महिला कर्मचारी की भी सेवा समाप्त

धमतरी।जिला अस्पताल में वर्षों से पदस्थ नाक, काल, गला रोग विशेषज्ञ डॉ. ए नसीम को स्वास्थ्य विभाग राज्य शासन ने सेवा से हटा दिया है। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की अवर सचिव दिव्या वैष्णव ने आदेश जारी करते हुए बताया कि डॉ. एमए नसीम प्रभारी जिला मलेरिया अधिकारी धमतरी को विशेष न्यायधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) रायपुर ने 8 मार्च 2018 को धारा 7 पीसी एक्ट 1988 के अपराध में एक वर्ष का सश्रम कारावास और 15 हजार के अर्थदंड की सजा से दंडित किया था। डॉ. नसीम द्वारा इस निर्णय के विरूद्ध हाईकोर्ट बिलासपुर में अपील की गई थी। इस अपील में उच्च न्यायालय ने उनके विरूद्ध पारित दंडादेश को अपील प्रकरण के निराकरण तक निलंबित रखे जाने का आदेश 19 मार्च 2018 को पारित किया। न्यायालय ने डॉ. नसीम को दोष मुक्त नहीं किया है।


निहित प्रावधानों के तहत प्रकरण डॉ. नसीम के विरूद्ध दंडादेश पारित करने के पूर्व सीजी पीएससी की सहमति हेतु प्रेषित किया गया। जिसमें प्रशासकीय निर्णय पर आयोग ने सहमति प्रदान की है। इस मामले में समन्वय में मुख्यमंत्री का आदेश भी प्राप्त किया गया। अंतिम में राज्य शासन द्वारा डॉ. एमए नसीम चिकित्सा अधिकारी जिला धमतरी को विशेष न्यायधीश रायपुर द्वारा दोष सिद्ध पाए जाने पर सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र अनुसार छग सिविल सेवा नियम 1966 के नियम 10 (9) के तहत तत्काल सेवा से पदच्युत (डिसमिस) किया जाता है।


CMHO कार्यालय की महिला कर्मचारी पर भी कार्यवाही

 राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन छत्तीसगढ़ ने आदेश जारी करते हुए सीएमएचओ ऑफिस धमतरी में पदस्थ मधु तिवारी की सेवा समाप्त कर दी है। जारी आदेश में बताया गया कि सीएमएचओ धमतरी के अंतर्गत संविदा पद एमपीडब्ल्यू एवं पीएचसी केरेगांव व सिंगपुर के रिक्त जूनियर सेक्रेट्रियल अस्टेिंट एनएचएम पद हेतु वैध प्रतिक्षा सूची होने के बावजूद नियम विरूद्ध उक्त पद के प्रतिक्षा सूची से चयन हेतु प्रस्तावित किए जाने की पुष्टि होती है। एनएचएम द्वारा सुनवाई का अवसर दिया गया है। जवाब संतोषप्रद एवं समाधान कारक नहीं मिला। जिसमें मानव संसाधन नीति 2018 का उल्लंघन एवं छग सिविल सेवा 1965 एवं संविदा सेवा नियम 2012 का उल्लघन पाया गया। सीएमएचओ धमतरी द्वारा प्रेषित जांच प्रतिवेदन के अधिमत एवं दस्तावेज के आधार पर एक माह का वेतन/मानदेय प्रदान करते हुए संविदा नियुक्ति समाप्त की जाती है। 

इस दोनों प्रकरण में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी यूएल कौशिक ने बताया कि 2014 में एसीबी ने डॉ. नसीम पर कार्यवाही की थी। 2018 में कोर्ट ने सजा सुनाया था। इस आधार पर राज्य शासन ने आदेश जारी कर डॉ. एमए नसीम को डिसमिस कर दिया है। उनके और कई मामले हैं। इसी तरह सीएमएचओ ऑफिस में पदस्थ जिला प्रशिक्षण समन्वयक मधु तिवारी की भी एनएचएम ने सेवा समाप्त कर दी है।



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