तीन आरोपी गिरफ्तार, चोरी की संपत्ति बेचने वाले भी चढ़े पुलिस के हत्थे
धमतरी। जिले एवं आस-पास के क्षेत्रों में लगातार हो रही मोटर सायकल चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाने हेतु पुलिस अधीक्षक सूरज सिंह परिहार के निर्देशन में धमतरी पुलिस द्वारा विशेष अभियान चलाकर अंतरजिला वाहन चोर गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है। इस कार्यवाही में कुल 17 चोरी की मोटर सायकलें बरामद कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। बरामद वाहनों की अनुमानित कुल कीमत लगभग 4 लाख रूपये आँकी गई है।
4 जुलाई को प्रार्थी उत्तम तिवारी ने रिपोर्ट दर्ज कराई गई कि उन्होंने ए.यू. बैंक के सामने अपनी हीरो फैशन प्रो (CG-05-X-8420) मोटर सायकल खड़ी की थी, जो कुछ समय पश्चात अज्ञात चोर द्वारा चोरी कर ली गई। रिपोर्ट पर थाना सिटी कोतवाली में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ की गई।
पुलिस अधीक्षक धमतरी के स्पष्ट दिशा-निर्देश पर टीम गठित कर तकनीकी साक्ष्य एवं मुखबिर की सूचना के आधार पर पतासाजी की गई। एक संदिग्ध व्यक्ति की पहचान होने पर पूछताछ में उसने चोरी स्वीकार की।
मुख्य आरोपी का कबूलनामा और जप्ती
मुख्य आरोपी कश्यप पटेल, निवासी अड़ेगा, थाना केशकाल, जिला कोण्डागांव द्वारा पूछताछ में धमतरी सहित अन्य जिलों से मोटर सायकल चोरी करना स्वीकार किया गया। उसके मेमोरेण्डम कथन के आधार पर पुलिस टीम द्वारा विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की गई, जहां से कुल 17 मोटरसायकलें बरामद की गईं, जिसमें
▪️13 – एचएफ डिलक्स
▪️02 – स्प्लेंडर
▪️01 – टी.के.एस. स्पोर्ट्स
▪️01 – पैशन प्रो शामिल है।
चोरी की गई गाड़ियों को आरोपी द्वारा विल्लू कोर्राम एवं गणेश भारद्वाज को बेचे जाने की जानकारी मिलने पर उन्हें भी गिरफ्तार किया गया।
*कहां-कहां से हुई थी मोटर सायकल चोरी -:*
एयू बैंक टिकरापारा पास धमतरी से,दूसरा श्रीराम हॉस्पिटल के पास,तीसरा चटर्जी अस्पताल के पास ,4 मोटर सायकल अंगारमोती परिसर गंगरेल से बाकी अन्य कांकेर के चारामा बाजार से 7,लखनपुरी से 1 और कोरर से 2 मोटर सायकल चोरी हुई थी।
आरोपी कश्यप पटेल, पिता फागुराम पटेल (उम्र 54 वर्ष)
निवासी - ग्राम अड़ेगा, थाना केशकाल, जिला कोण्डागांव, विल्लू कोर्राम, पिता मनसाय कोर्राम (उम्र 29 वर्ष)
निवासी- ग्राम छींदपारा, थाना माकड़ी, जिला कोण्डागांव और
गणेश कुमार भारद्वाज, पिता स्व. गुहाराम भारद्वाज (उम्र 57 वर्ष)निवासी- ग्राम जरनडीह, थाना केशकाल, जिला कोण्डागांव के कब्जे से चोरी की संपत्ति बरामद होने तथा आरोप सिद्ध होने पर उनके विरुद्ध धारा 303(2), 317(2), 3(5) भा.न्या.सं. के तहत अपराध पंजीबद्ध कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया।
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